काल किसे कहते हैं ?
परिभाषा – क्रिया के जिस रूप से कार्य के सम्पन्न हो चुके ,चल रहे या भविष्य में होने का पता चले उसे काल कहते है। जैसे –
- मैंने फसल काटी थी ।(काटी थी – भूत समय)
- मैं पढ़ रहा हूँ। (पढ़ रहा हूँ – वर्तमान समय)
- मैं कल आगरा जाऊंगा। (जाऊंगा – भविष्य समय)
ऊपर दिये वाक्ययों में क्रिया रूप:- काटी थी,पढ़ रहा हूँ और जाऊंगा से क्रमशः भूत, वर्तमान और भविष्य समय (काल) का बोध होता है।
काल कितने प्रकार के होते है :-
काल के मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है अर्थात काल के के तीन भेद होते है
- वर्तमान काल (Present Tense)
- भूत काल (Past Tense)
- भविष्य काल (Future Tense)
वर्तमान काल किसे कहते हैं
वर्तमान काल – जो कार्य वर्तमान में चल रहा है वह वर्तमान काल होता है | जैसे —
- मैं अंग्रेजी पढ़ता हूँ।
- सूरज पूरब में उगता है।
वर्तमान काल के कितने भेद होते है ?
वर्तमान काल भी पांच प्रकार का होता है
- सामान्य वर्तमान
- अपूर्ण /तात्कालिक वर्तमान
- संदिग्ध वर्तमान
- पूर्ण वर्तमान
- संभाव्य वर्तमान
(1). सामान्य वर्तमान काल :- जो कार्य वर्तमान समय में होता है सामान्य किसी आदत, स्वभाव या प्रकृति, आदि का बोध होता है। जैसे —
- शेर मांस खाता है।(प्रकृति का बोध)
- रमेश रोज रात को शराव पीता है । (आदत का बोध)
- पिताजी हमेशा डाँटते हैं।(स्वभाव का बोध)
(2) अपूर्ण/तात्कालिक वर्तमान काल :- वे क्रियाए जो वर्तमान में चल रही है जैसे –
- मोनू बच्चो को पढ़ा रहा है ( पढ़ाने की क्रिया जारी है।)
- कुत्ता मांस खा रहा है। ( खाने की क्रिया जारी है।)
- पिताजी डाँट रहे हैं। (इसी क्षण, कहने के समय)
(3) संदिग्ध वर्तमान काल :- जहाँ किसी क्रिया के वर्तमान में होने को ले कर संदेह हो वहाँ संदिग्ध वर्तमान काल कहते है जैसे-
- रेखा पढ़ रही होगी। (अनुमान)
- माली फूल तोड़ता होगा। (संदेह या अनुमान)
- हरीश खेल रहा होगा
(4 ) पूर्ण वर्तमान काल :-वे क्रिया जो अभी अभी पूरी हुई हो पूर्ण वर्तमान काल कहते है
- मैंने खाना खा लिया है
- मै यह कितव पढ़ चूका हूँ
- तुम नौकरी लगा चुके हो
(5 ) संभाव्य वर्तमान काल :-जहाँ किसी क्रिया के होने की सम्भावना व्यक्त की जाए वहाँ सम्भाव्य वर्तमान काल कहते है जैसे –
- मुझे लगता है,तुम फालतू लड़के हो
- आशा है ,घर पर सब ठीक होंगे
- शायद, वे आ रहे होंगे
भूतकाल किसे कहते हैं और कितने भेद है ?
भूतकाल:- जो समय वीत चूका है या बीते समय में घटित क्रिया से भूतकाल का बोध होता है।भूतकाल छः प्रकार का होता है
- साधारण भूतकाल
- अपूर्ण भूतकाल
- पूर्ण भूतकाल
- आसन्न भूतकाल
- संदिग्ध भूतकाल
- हेतुहेतुमद् भूत
(1) सामान्य भूत :- जहाँ क्रिया के सम्पन्न होने की बात हो वहाँ सामान्य भूतकाल कहते है जैसे —
- उसने खाना खा लिया है
- मैंने पत्र लिखा। (बीते समय में)
- वे मथुरा गये। (बीते समय में, कब गये पता नहीं)
(2) अपूर्ण भूत:- वह क्रिया जो भूतकाल में चल रही हो और पूरी न हुई हो अपूर्ण भूतकाल कहते है । जैसे —
- मोहन पढ़ रहा था। } पढ़ने का काम जारी था, पूरा नहीं हुआ था।
- वह रोज ब्रुश करता था
- तुम किताब पढ़ रहे थे
(3 ) पूर्ण भूत:- वह क्रिया जो भूतकाल में ही पूरी हो चुकी हो वहाँ पूर्ण भूतकाल होता है
- उसने खाना खा लिया था
- वह मथुरा गया था। (जाने का काम बहुत पहले पूरा हो चुका था।)
- हरीश सेव खा चुका था (पूर्णतः खा चुका था।)
(4 ) आसन्न भूत :-इसमे पूर्ण वर्तमान वाले उदाहण आयेगे अर्थात इससे बीते समय में क्रिया के तुरंत या कुछ देर पहले समाप्त होने का बोध होता है। जैसे —
- मैंने खाना खा लिया है
- रेखा कमरे में रोयी है।(आँसू सूख चुके हैं, लेकिन चेहरा उदास है)
(5) संदिग्ध भूतकाल :-इससे भूतकाल में क्रिया के होने का संदेह हो वहाँ संदिग्ध भूत कहते है जैसे —
- तुम ने पार्टी में दारू जरुर पी होगी
- वह पास हो चुका होगा
- पिताजी गये होंगे।(गये या नहीं, संदेह है।)
- मनवीर ने खाया होगा।(सोहन या और कोई, संदेह है।
(6) हेतुहेतुमद् भूत :- इससे भूतकाल में क्रिया के पूरी होने की शर्त दी होती है |लेकिन किसी कारणवश न हो सकी। जैसे :-
- यदि रमेश chaudhary academy से पढ़ा होता तो आज नौकरी लग गयी होती
- मीरा आती, तो मैं जाता। (न मीरा आयी, न मैं गया।)
- काश में पढ़ा होता
- योगेश मेहनत करता, तो अवश्य सफल होता। (न मेहनत किया, न सफल हुआ।)
भविष्य काल किसे कहते हैं और कितने भेद होते हैं?
भविष्य काल :-जहाँ क्रिया के होने की संभावना भविष्य में हो भविष्य काल कहते है और ये तीन प्रकार के होते है
- साधारण भविष्य
- संभाव्य भविष्य
- हेतुहेतुमद भविष्य
- पूर्ण भविष्य
- अपूर्ण भविष्य
(1) सामान्य भविष्य :- इससे यह पता चलता है कि कोई काम भविष्य में होगा। जैसे
- राम आगरा से आएगा।
- तुम मैदान में खेलोगे।
- मै तुम्हरी सहायता करुगा ।
(2) संभाव्य भविष्य — इससे भविष्य में होनेवाली क्रिया के होने की संभावना का बोध होता है। जैसे
- शायद आज बारिश आ जाए
- शायद कल वरुण आए। (संभावना)
- शीला परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाए। (संभावना)
(3) पूर्ण भविष्य — इससे यह बोध होता है कि कोई काम भविष्य में पूर्णतः समाप्त हो जाएगा। जैसे —
- मैं रेखा को पत्र लिखूंगा|
- रमेश किताब पढ़ चुकेगा।
- वे इगलास जा चुकेंगे।
(4) अपूर्ण भविष्य — इससे यह बोध होता है कि भविष्य में कोई काम जारी रहेगा। जैसे —
- मैं तुम्हारी सहायता कर रहा हूँगा|
- प्रीती खेलती रहोगी।
(5) हेतुहेतुमद् भविष्य :- यदि भविष्य में एक क्रिया का होना, दूसरी क्रिया के होने पर निर्भर करे, तो उसे हेतुहेतुमद् भविष्य कहेंगे। जैसे :-
- काश आज दावत हो जाये
- यदि तुम chaudhary academy से पढोगे तो ही भला होगा
- मोहन आए,तो राधा जाऊँ। (आने पर निर्भर है, जाना।)