- भारत के प्रधानमंत्री एव मंत्रिगण (अनुच्छेद 74)
- संविधान के अनुच्छेद 74 के अनुसार राष्ट्रपति को उसके कार्यों के संपादन व सलाह देने हेतु एक मंत्रिपरिषद होती है जिसका प्रधान प्रधानमंत्री होता है
- संविधान के अनुच्छेद 75 के अनुसार प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करेगा और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर करेगा मंत्री परिषद में मंत्रियों की कुल संख्या प्रधानमंत्री को शामिल करके लोकसभा के कुल सदस्यों की कुल संख्या के 15% से अधिक नहीं होगा यह 91 वां संविधान संशोधन अधिनियम 2003 के तहत बताया गया है
- अनुच्छेद 75(2) के अनुसार मंत्री राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करेंगे और अनुच्छेद 75(3) के अनुसार मंत्री परिषद लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदाई होगी
- पद ग्रहण से पहले प्रधानमंत्री सहित प्रत्येक मंत्री को राष्ट्रपति के सामने पद और गोपनीयता की शपथ लेनी होती है यह अनुच्छेद 75(4) में बताया गया है
- मंत्री परिषद का सदस्य बनने के लिए वैधानिक दृष्टि से यह आवश्यक है कि व्यक्ति संसद के किसी सदन का सदस्य हो यदि व्यक्ति मंत्री बनते समय संसद सदस्य नहीं हो तो उसे 6 महीने के अंदर संसद सदस्य बनना अनिवार्य है नहीं तो उसे अपना पद छोड़ना होगा यह अनुच्छेद 75(5) में बताया गया है
- सभी मंत्रियों, राज्य मंत्री और उपमंत्रियों को नि:शुल्क निवास स्थान तथा अन्य सुविधाएं प्राप्त होती हैं
- यदि लोकसभा किसी एक मंत्री के विरुद्ध अविश्वास का प्रस्ताव पारित करें अथवा उस विभाग से संबंधित विधेयक को रद्द कर दे तो समस्त मंत्रिमंडल को त्याग पत्र देना होता है
मंत्री तीन प्रकार के होते हैं
- कैबिनेट मंत्री
- राज्य मंत्री
- उपमंत्री
ध्यान दें :- कैबिनेट मंत्री विभाग के अध्यक्ष होते हैं प्रधानमंत्री एवं कैबिनेट मंत्री को मिलाकर मंत्रिमंडल का निर्माण होता है प्रधानमंत्री एवं केबिनेट मंत्री को मिलाकर मंत्रिमंडल का निर्माण होता है
- प्रधानमंत्री लोकसभा का नेता होता है वह राष्ट्रपति को संसद का सत्र आहूत करने एवं सत्रावसान करने संबंधी परामर्श देता है वह किसी भी समय लोकसभा को भंग (अनुच्छेद 85) करने की सिफारिश राष्ट्रपति सीकर सकता है भंग(विघटित) करने की सिफारिश राष्ट्रपति से कर सकता है
- प्रधानमंत्री सभा पटल पर सरकार की नीतियों की घोषणा करता है
- प्रधानमंत्री नीति आयोग राष्ट्रीय विकास परिषद राष्ट्रीय एकता परिषदअंतरार्ज्यीय परिषद तथा राष्ट्रीय जल संसाधन परिषद् का अध्यक्ष होता है
- प्रधानमंत्री राष्ट्रपति एवं मंत्री परिषद के बीच संवाद की मुख्य कड़ी है यह अनुच्छेद 78 बताता है
प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को विभिन्न अधिकारियों की नियुक्तियों के संबंध में परामर्श
जैसे:- भारत का महान्यायवादी ,भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ,संघ लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष एवं उसके सदस्य, चुनाव आयुक्तों, वित्त आयोग का अध्यक्ष एवं उसके सदस्यों एवं अन्य नियुक्तियों के संबंध में परामर्श देता है
- प्रधानमंत्री किसी मंत्री को त्यागपत्र देने अथवा राष्ट्रपति को उसे बर्खास्त करने की सलाह दे सकता है वह मंत्री परिषद की बैठक की अध्यक्षता करता है तथा अपने पद से त्यागपत्र देकर मंत्रिमंडल को बर्खास्त कर सकता है
ध्यान दें :- प्रधानमंत्री मंत्री परिषद का प्रमुख होता है अतः जब प्रधानमंत्री त्यागपत्र देता है अथवा उसकी मृत्यु हो जाती है तो अन्य मंत्री कोई भी कार्य नहीं कर सकती है अन्य शब्दों में प्रधानमंत्री की मृत्यु अथवा त्यागपत्र से मंत्री परिषद स्वयं ही विकसत हो जाती है औरएक शून्यता उत्पन्न हो जाती है
- प्रधानमत्रियों में सबसे बड़ा कार्यकाल प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का रहा वह कुल 16 वर्ष 9 महीने और 12 दिन तक अपने पद पर रहे
- देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी बनी वे ऐसी पहली महिला रही जो अलग-अलग अवधि यों में प्रधानमंत्री रहे
- चौधरी चरण सिंह एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री रहे जो कभी लोकसभा में उपस्थित नहीं हुए
- विश्वास मत प्राप्त करने में असफल होने वाले प्रथम प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह हुए
- एक कार्यकाल में सबसे कम समय तक प्रधानमंत्री के पद पर रहने वाले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी हुए इन्होंने मात्र 13 दिन तक पद पर बने रहे
भारत के प्रधानमंत्री | ||
1 | जवाहरलाल नेहरू | 15-08-1947 से 27-05-1964 तक |
2 | लाल बहादुर शास्त्री | 09-06- 1964 से 11-01 -1966 तक |
3 | इंदिरा गांधी | 24-01- 1966 से 24-03- 1977 तक |
4 | मोरारजी देसाई | 24-03- 1977 से 28-07- 1979 तक |
5 | चौधरी चरण सिंह | 28-07- 1979 से 14-01 -1980 तक |
6 | इंदिरा गांधी | 14-01- 1980 से 13-10- 1984 तक |
7 | राजीव गांधी | 13-10- 1984 से 02-12 -1989 तक |
8 | विश्वनाथ प्रताप सिंह | 02-12- 1989 से 10-11- 1990 तक |
9 | चंद्रशेखर | 10-11 -1990 से 21-06- 1991 तक |
10 | पी वी नरसिम्हा राव | 21-06- 1991 से 16-05- 1996 तक |
11 | अटल बिहारी बाजपेयी | 16-05 -1996 से 01-06- 1996 तक |
12 | एच डी देवगौड़ | 01-06 -1996 से 21-04- 1997 तक |
13 | आई के गुजराल | 21-04- 1997 से 19-03 -1998 तक |
14 | अटल बिहारी बाजपेयी | 19-03- 1998 से 13-10- 1999 तक |
15 | अटल बिहारी बाजपेयी | 13-10- 1999 से 22-05- 2004 तक |
16 | डॉ मनमोहन सिंह | 22-05- 2004 से 26-05- 2014 तक |
17 | नरेंद्र मोदी | 26-05- 2014 से अब तक (वर्तमान) |
- तीन प्रधानमंत्रियों ( जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, तथा श्रीमती इंदिरा गांधी )की मृत्यु उनकी पदावधि के दौरान हो गई थी
- लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु 11 जनवरी 1966 ई को भारत से बाहर ताशकंद में हुई थी
- मोरारजी देसाई सबसे अधिक उम्र में एवं राजीव गांधी सबसे कम उम्र में प्रधानमंत्री बने थे
- गुलजारीलाल नंदा 27 मई 1964 से 9 जून 1964 तक एवं 11 जनवरी 1966 से 24 जनवरी 1966 तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री रहे
- भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल थे
- कैबिनेट मंत्रियों में सबसे बड़ा कार्यकाल जगजीवन राम का रहा जो लगभग 32 वर्ष केंद्रीय मंत्रिमंडल में रहे थे
- सबसे लंबी अवधि तक एक ही विभाग का कार्यभार संभालने वाली केंद्रीय मंत्री राजकुमारी अमृत कौर थी जो स्वास्थ्य मंत्री थी
मंत्रीमंडल सचिवालय
- मंत्रिमंडल सचिवालय भारत सरकार की नियम 1961 के अंतर्गत प्रत्यक्ष तौर पर प्रधानमंत्री के अधीन कार्य करता है इसका प्रशासनिक प्रमुख कैबिनेट सचिव होता है
- कैबिनेट सचिव सिविल सर्विसेज बोर्ड का पदेन अध्यक्ष होता है
- मंत्रिमंडल सचिवालय मंत्रिमंडल बैठकों के लिए एक कार्य सूची तैयार करता है तथा मंत्रिमंडल समितियों के लिए सचिवालय सहायता भी प्रदान करता है यह विभिन्न मंत्रालयों के बीच समन्वय स्थापित करता है
ध्यान दें:- मंत्रालयों को वित्तीय संसाधनों का आवंटन वित्त मंत्रालय के द्वारा किया जाता है ना के मंत्रिमंडल सचिवालय के द्वारा