वर्तनी किसे कहते है? वर्तनी का मतलब जैसे कोई शब्द शुद्ध रूप में किस प्रकार लिखा जाता है। उसे वर्तनी कहते है।
हिंदी भाषा में वर्तनी के कितने प्रकार है हलंत संबंधी अशुद्धियां विसर्ग संबंधी अशुद्धियां स्वर या मात्रा सम्बंधित अशुद्धियाँ संधि संबंधी अशुद्धियां व्यंजन संबंधी अशुद्धियां समास संबंधी अशुद्धियां (1)हलंत संबंधी अशुद्धियां:- अशुद्ध शुद्ध सप्तम् सप्तम पठित् पठित प्रथम् प्रथम द्वितीयत् द्वितीय पंचम् पंचम दशम् दशम
(2) विसर्ग संबंधी अशुद्धियां:- अशुद्ध शुद्ध दुख दुःख निशुल्क नि:शुल्क पुना पुनः सामान्यतह सामान्यत: प्रात काल प्रात : काल अतह अत:
स्वर यात्रा संबंधी अशुद्धियां:- जब अशुद्धियाँ स्वर और उनके मात्राओं के त्रुटिपूर्ण प्रयोग के कारण होती है तो उन्हें स्वर या मात्रा सम्बन्धी अशुद्धियाँ कहते है।
अ और आ अ के स्थान पर आ का आना:-
अशुद्ध शुद्ध आनाज अनाज आधीन अधीन आपराध अपराध आजमेर अजमेर आपराधि अपराधी अनाधिकर अनधिकार अत्याधिक अत्यधिक आनिवार्य अनिवार्य गत्यावरोध गत्यवरोध
आ के स्थान पर अ का आना :-
अशुद्ध शुद्ध किनार किनारा समान सामान अजाद आजाद बजार बाजार बदाम बादाम न्यायलय न्यायालय नलायक नालायक जपान जापान पकिस्तान पाकिस्तान व्यवसायिक व्यावसायिक संसारिक सांसारिक
इ और ई:- अशुद्ध शुद्ध वराटीका वराटिका आनाधीकार अनाधिकार प्रीती प्रीति नीर्धारित निर्धारित वीरम विराम दीनांक दिनांक नीती नीति मुनी मुनि तिथी तिथि अत्यधीक अत्यधिक क्षत्रीय क्षत्रिय शान्त्ती शान्ति दील दिल
ई के स्थान पर इ का आना:-
अशुद्ध शुद्ध पहेलि पहेली प्रतिक्षा प्रतीक्षा अतित अतीत कहानि कहानी सूचि-पत्र सूची- पत्र कमजोरि कमजोरी दिवाली दीवाली निरिक्षण निरीक्षण
उ के स्थान पर ऊ का आना:- अशुद्ध शुद्ध सूई सुई साधू साधु भानू भानु बन्धू बन्धु
ऊ के स्थान पर उ का आना :-
अशुद्ध शुद्ध पुंजी पूँजी सिन्दुर सिन्दूर आँसु आँसू हिन्दु हिन्दू रुप रूप
ए के स्थान पर ऐ का आना
अशुद्ध शुद्ध चैयरमैन चेयरमैन सैन ( संकेत ) सेन वैश्या वेश्या बैल ( जान्वर ) बेल ( फल ) मैला ( कुचेला/गंदा ) मेला ( उत्सव/मेला )
ऐ के स्थान पर ए का आना
अशुद्ध शुद्ध जेसा जैसा वेसा वैसा सेनिक सैनिक चेन चैन वेश्य वैश्य पेसा पैसा
ओ के स्थान पर औ का आना अशुद्ध शुद्ध खोलना खौलना कोड़ी कौड़ी ओर और शोक शौक़ कोर कौर ओरत औरत
औ के स्थान पर ओ का आना
अशुद्ध शुद्ध मोन मौन योवन यौवन भोतिक भौतिक ओपचारिक औपचारिक
कुछ और मात्राओ के आधार पर अशुद्धियाँ वर्तनी :- अशुद्ध शुद्ध कठनाई कठिनाई पुजारन पुजारिन कुमुदनी कुमुदिनी वाहनी वाहिनी शिवर शिविर कवियित्री/कवियत्री कवयित्री रचियिता/रचियता रचयिता
कुछ और अशुद्धियाँ वर्तनी:- अशुद्ध शुद्ध किरषी कृषि प्रदर्शिनी प्रदर्शनी छपकलि छिपकली सामिग्री सामग्री पहिनना पहनना महिनत मेहनत वापिस वापस पहिला पहला
चंद्रबिंदु के स्थान पर अनुस्वार का आना :-
अशुद्ध शुद्ध अंधेरा अँधेरा आंधी आँधी पहुंचा पहुँचा आंख आँख ऊंट ऊँट ऊंचा ऊँचा
अनुस्वार के स्थान पर चंद्रबदनी का आना :-
अशुद्ध शुद्ध गाँधी गांधी अँगुली अंगुली अँगारा अंगारा अँगुरी अंगूरी अँजुली अंजुली अँगूर अंगूर
‘ण’ और ‘न’ का आना :-
अशुद्ध शुद्ध पाषन पाषण राना राणा निर्गुन निर्गुण रामायन रामायण रनभूमि रणभूमि मरन मरण गुन गुण निर्मान निर्माण बीनु वेणु पुने पुणे बान बाण
‘व’ के स्थान पर ‘ब’ का आना
अशुद्ध शुद्ध बासुदेव वासुदेव बिकार विकार बिकास विकास बम वम बापस वापस बसंत वसंत बिराम विराम बाक्यांश वाक्यांश बाल्मीकि वाल्मीकि
‘ब’ के स्थान पर ‘व’ का आना :-
अशुद्ध शुद्ध वाप बाप वाजार बाजार विजली बिजली वणाहत बाणाहत वाण बाण वालक बालक विंडो बिंडो वालिका बालिका वार बार
‘श’ ‘ष’और ‘स’ के प्रयोग की अशुद्धियां
‘श’ के स्थान पर ‘स’ का आना :-
अशुद्ध शुद्ध हमेसा हमेसा कमलेस कमलेश कलस कलश आसा आशा सासन शासन संकू शंकु साम शाम स्याम श्याम सोचनीय शोचनीय
‘स’ के स्थान पर ‘श’ का आना :-
अशुद्ध शुद्ध शाबुन साबुन शहज सहज शर्प सर्प शाथ साथ आशान आसमान लश्शी लस्सी
‘ष’ के स्थान पर ‘श’ या ‘स’ का आना :-
अशुद्ध शुद्ध दुस्कर दुष्कर भास्य भाष्य शोशक शोषक घोस घोष
‘ष्ट’ के स्थान पर ‘ष्ठ’ का आना :-
अशुद्ध शुद्ध अभीष्ट अभीष्ठ इष्ट इष्ठ संतुष्ट संतुष्ठ प्रविष्ट प्रविष्ठ सम्पुष्ट सम्पुष्ठ आकृष्ट आकृष्ठ
‘क्ष’ और ‘छ’ की अशुद्धियाँ:-
अशुद्ध शुद्ध शिच्छा शिक्षा दीच्छा दीक्षा छति क्षति भिच्छा भिक्षा नच्छत्र नक्षत्र कच्छा कक्षा
‘छ’ के स्थान पर ‘क्ष’ का आना :-
अशुद्ध शुद्ध उक्षवास उच्छवास इक्षा इच्छा क्षडी छड़ी
‘ग्य’ के स्थान पर ‘ज्ञ’ का आना :-
अशुद्ध शुद्ध ग्यानी ज्ञानी ग्याता ज्ञाता ग्यान ज्ञान कृतग्य कृतज्ञ ग्यापित ज्ञापित विग्य विज्ञ
कुछ और अशुद्धियाँ वर्तनी:-
अशुद्ध शुद्ध क्रषि कृषि श्रंखला शृंखला क्रपा कृपा क्रश कृश क्रहित कृहित आत्माहत्या आत्महत्या राजाव्यवस्था राजव्यवस्था निरपराधी निरपराध आत्मापुरुष आत्मपुरुष राजातन्त्र राजतन्त्र जपान जापान परमर्थ परमार्थ अभियूक्त अभियुक्त सदोपयोग दुपयोग