सम्पूर्ण हिंदी वर्णमाला:-
हिंदी वर्णमाला– वर्णों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला (hindi varnamala) कहते हैं। 11 स्वर होते हैं और इसमें 48 वर्ण होते हैं।और व्यंजनों की संख्या 33 होती है जबकि कुल व्यंजन 35 होते हैं। दो उच्छिप्त व्यंजन (ढ़, ड़) एवं दो अयोगवाह (अं अ: ) होते हैं।
हिदी वर्णमाला में कुल 52 वर्ण होते है|
हिंदी वर्णमाला के भेद:
वर्णमाला को मुख्य रूप से दो भागो में बाँटा गया है हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन
(1) स्वर (vowels)
(2) व्यंजन (consonants)
स्वर (Vowels):-
स्वर तीन प्रकार के होते हैं।
(i) ह्स्व स्वर (लघु स्वर)
(ii) दीर्घ स्वर
(iii) प्लुत स्वर
(i) ह्स्व स्वर (लघु स्वर):-
ऐसे स्वर जिनको बोलने में थोडा कम समय लगे उसे ह्स्व स्वर कहते हैं। ये चार प्रकार के होते है |
(अ, इ, उ, ऋ)
(ii) दीर्घ स्वर
ऐसे स्वर जिनको बोलने में स्वर भी ज्यादा समय लगे उनको दीर्घ स्वर कहते हैं। ये सात प्रकार के होते है।
(आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ)
(iii) प्लुत स्वर
जिनमे दीर्घ स्वर से भी ज्यादा समय लगे उनको प्लुत स्वर कहते है |
अयोगवाह :- यह दो होते हैं।
Ex अं, अः
अं को अनुस्वार कहते हैं
अ: को विसर्ग कहते हैं
हिंदी वर्णमाला व्यंजन (Consonants):-
जिन वर्णों का उच्चारण स्वर की सहायता से होता है उन्हें व्यंजन कहते हैं। ये तीन प्रकार के होते हैं।
(i) स्पर्श व्यंजन
(ii) अन्तस्थ व्यंजन
(iii) उष्म व्यंजन
(i) स्पर्श व्यंजन :-
क वर्ण से लेकर म वर्ण तक होते हैं। ये 25 प्रकार के होते है |और प्रत्येक वर्ग में 5 वर्ण होते हैं।
- क वर्ग : क ख ग घ ङ
- च वर्ग : च छ ज झ ञ
- ट वर्ग : ट ठ ड ढ ण
- त वर्ग : त थ द ध न
- प वर्ग : प फ ब भ म
(ii) अन्तस्थ व्यंजन :-
इनकी संख्या 4 होती है।
य, र, ल, व
(iii) उष्म व्यंजन :-
इनकी संख्या भी 4 होती है।
श, ष, स, ह
हिंदी वर्णमाला उच्छिप्त व्यंजन :-
हिंदी वर्णमाला में उच्छिप्त व्यंजन दो प्रकार के होते हैं
ढ़, ड़ (इनको द्विगुण व्यंजन भी कहा जाता है)
अल्पप्राण व्यंजन एवं महाप्राण व्यंजन:-
उच्चारण के अनुसार व्यंजनों को दो भागों में बांटा गया हैं।
(i) अल्पप्राण व्यंजन
(ii) महाप्राण व्यंजन
(i) अल्पप्राण व्यंजन:-
ऐसे व्यंजन जिनको बोलने में कम समय लगता है और बोलते समय मुख से कम वायु निकलती है उन्हें अल्पप्राण व्यंजन कहते हैं। इनकी संख्या 20 होती है।
- क ग ङ
- च ज ञ
- ट ड ण ड़
- त द न
- प ब म
- य र ल व
इसमें
- क वर्ग का पहला, तीसरा, पाँचवा अक्षर
- च वर्ग का पहला, तीसरा, पाँचवा अक्षर
- ट वर्ग का पहला, तीसरा, पाँचवा अक्षर
- त वर्ग का पहला, तीसरा, पाँचवा अक्षर
- प वर्ग का पहला, तीसरा, पाँचवा अक्षर
- अन्तस्थ व्यंजन -(य र ल व)
- एक उच्छिप्त व्यंजन – ङ
trick :- वर्ग का 1,3,5 अक्षर(विषम संख्या) , (अन्तस्थ – द्विगुण या उच्छिप्त)
(ii) महाप्राण व्यंजन
ऐसे व्यंजन जिनको बोलते समय मुख से अधिक वायु निकलती है। उन्हें महाप्राण व्यंजन कहते हैं। इनकी संख्या 15 होती है।
- ख घ
- छ झ
- ठ ढ
- थ ध
- फ भ
- ढ़
- श ष स ह
इसमें
- क वर्ण का दूसरा, चौथा अक्षर
- च वर्ण का दूसरा, चौथा अक्षर
- ट वर्ण का दूसरा, चौथा अक्षर
- त वर्ण का दूसरा, चौथा अक्षर
- प वर्ण का दूसरा, चौथा अक्षर
- चारों उष्म व्यंजन – श ष स ह
- एक उच्छिप्त व्यंजन – ढ़
trick:- वर्ग का 2, 4 (सम संख्या)
- स्वर = 11
- कुल स्वर =13
- व्यंजन = 33
- कुल व्यंजन = 35
- वर्ण = 48
- कुल वर्ण = 52
वर्णों का उच्चारण स्थान:-
क्रम | उच्चारण स्थान | स्वर | स्पर्श व्यंजन | अन्तस्थ व्यंजन | उष्म व्यंजन |
1 | कंठ | अ,आ | क,ख,ग,घ,ङ | ह | |
2 | तालव्य | इ,ई | च,छ,ज,झ,ञ | य | श |
3 | मूर्धन्य | ऋ | ट,थ,ड,ढ,ण | र | ष |
4 | दन्त | त,थ,द,ध,न | ल | स | |
5 | ओष्ठ | उ,ऊ | प,फ,ब,भ,म | ||
6 | दन्तोष्ठ | व | |||
7 | कंठतालव्य | ए,ऐ | |||
8 | कंठओष्ठ | ओ,औ | |||
9 | नासिक | अं अः |
संयुक्त व्यंजन:-
क्ष – क् + ष्
त्र – त् + र्
ज्ञ – ज् + ञ्
श्र – श् + र्
घोस/कम्पन/के आधार पर हिंदी वर्णमाला के दो भेद होते हैं।
(i) अघोष व्यंजन
(ii) सघोष व्यंजन
(i) अघोष व्यंजन
इनकी संख्या 13 होती है
- क, ख,
- च, छ,
- ट, ठ,
- त, थ,
- प, फ,
- श, ष, स
(ii) सघोष व्यंजन
इनकी संख्या 31 होती है
इसमें सभी स्वर अ से ओ तक और
ग, घ, ङ
ज, झ, ञ
ड, ढ, ण
द, ध, न
ब, भ, म
य, र, ल, व, ह
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